August 13, 2015 | aspundir | Leave a comment परिक्षा में सफलता, स्मरण-शक्ति-वर्द्धन प्रयोग “एक-दन्त महा-बुद्धिः, सर्व-सौभाग्य-दायक। सर्व-सिद्धि-करो देवो, गौरी-पुत्र विनायकः।।” १॰ उक्त मन्त्र का जप ‘परीक्षा’ आरम्भ होने के १५ दिन पहले जो बुधवार हो, उस दिन से आरम्भ करे तथा परीक्षा का परिणाम निकलने तक नियमित करे। २॰ (क) नित्य स्नान कर, शुद्ध वस्त्र पहनकर, कुश या कम्बल के आसन पर पुर्वाभिमुख बैठे। सम्मुख स्थित भगवान् गणेशजी के चित्र या मूर्ति में पहले ‘आवाहन’ करे- “आगच्छ देव-देवेश! तेजो-राशे गण-पते! क्रियमाणां मया पूजां, गृहाण सुर-सत्तम! ।।श्रीमद्-गणपति-देवं आवाहयामि।। अर्थात् हे देवयाओं के ईश्वर! तेज-सम्पन्न! हे संसार के स्वामिन! हे देवोत्तम, आइए, मेरे द्वारा की जानेवाली पूजा को स्वीकार करिए। मैं भगवान् श्रीगणेश का आवाहन करता हूँ। (ख) फिर भगवान् गणेश का पीले पुष्प, अक्षत, चन्दन, धूप, दीप, नैवेद्य, दक्षिणा आदि से पूजन करे और दो अगरबत्ती जलाकर उपर्युक्त ‘मन्त्र’ का १०८ बार जप करे। जप के समय बाँएँ हाथ की तर्जनी अँगुली के अग्र-भाग (नख के सामने वाला भाग) तथा अँगूठे के अग्र-भाग को मिलाए, हाथ को घुटने के ऊपर रखे तथा अँगुलियों का मुख ऊपर की ओर करे। दाहिने हाथ द्वारा ‘कर-माला’ या ‘रुद्राक्ष-माला’ में जप करे। ३॰ परीक्षा-भवन में जब प्रश्न-पत्र मिले, तब प्रश्न-पत्र पढ़ने से पहले और प्रश्नों का उत्तर लिखने से पूर्व, भगवान् गणेश का ध्यान कर पाँच बार मन-ही-मन उपर्युक्त ‘मन्त्र’ का जप करें। Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe