December 23, 2018 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – मध्यमपर्व द्वितीय – अध्याय १ से २ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (मध्यमपर्व — द्वितीय भाग) अध्याय १ से २ यज्ञादि कर्मों के मण्डल-निर्माण का विधान तथा क्रौञ्चादि पक्षियों के दर्शन का फल सूतजी ने कहा — ब्राह्मणगण ! अब मैं आप लोगों से पुराणों में वर्णित मण्डल-निर्माण के विषय में कहूँगा । बुद्धिमान व्यक्ति हाथ से नापकर मण्डल का माप निश्चित करे । फिर उसे तत्तत् स्थानों में विधि-विहित लाल आदि रंग भरे । उनमें देवताओं के अस्त्र-विशेष बाहर, मध्य और कोण में लिखकर प्रदर्शित करे । शम्भु, गौरी, ब्रह्मा, राम और कृष्ण आदि का अनुक्रम से निर्देश करे । फिर सीमा-रेखा को एक अङ्गुल ऊँचा उन-उन अर्ध-भागों से युक्त करे । शिव और विष्णु के महायाग में शम्भु प्रारम्भ कर देवताओं की परिकल्पना — ध्यान करे । प्रतिष्ठा में रामपर्यन्त, जलाशय में कृष्णपर्यन्त और दुर्गायाग में ब्रह्मादि की परिकल्पना करे । मण्डल का निर्माण अधम ब्राह्मण एवं शुद्र न करे । सूतजी ने पुनः कहा — अब मैं क्रौञ्च का स्वरुप बतलाता हूँ । सभी शास्त्रों में उसका उल्लेख मिलता हैं जो गोपनीय है । यह क्रौञ्च (पक्षी-विशेष)— महाक्रौञ्च, मध्य-क्रौञ्च और कनिष्ठ – क्रौञ्च – भेद से तीन प्रकार का वर्णित है । इसका दर्शन सैकड़ों जन्मों में किये गये पापों को नष्ट करता है । मयूर, वृषभ, सिंह, क्रौञ्च और कपि को घर में, खेत में और वृक्ष पर भूल से भी देख ले तो उसको नमस्कार करे, ऐसा करने से दर्शक के सैकड़ों ब्रह्महत्याजनित पाप नष्ट हो जाते हैं । उनके पोषण से कीर्ति मिलती हैं और दर्शन से धन तथा आयु बढती है । मयूर ब्रह्मा का, वृषभ सदाशिव का , सिंह दुर्गा का, क्रौञ्च नारायण का, बाघ त्रिपुरसुन्दरी-लक्ष्मी का रूप है । स्नानकर यदि प्रतिदिन इनका दर्शन किया जाय तो ग्रहदोष मिट जाता हैं । इसलिये प्रयत्नपूर्वक इनका पोषण करना चाहिये ।सभी यज्ञों में सर्वतोभद्रमण्डल सभी प्रकार की पुष्टि प्रदान करता है । सर्वशक्तिमान् ईश्वर ने साधकों के हित के लिये उसका प्रकाश किया है । सम्पूर्ण स्मार्त-यागों में सर्वतोभद्रमण्डल का विशेष रूप से निर्माण किया जाता है और तत्-तत् स्थानों में तत्-तत् रंगों से पूरित किया जाता है । (अध्याय १-२) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१६ 2. भविष्यपुराण – मध्यमपर्व प्रथम – अध्याय १९ से २१ Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe