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टोना झारने के मन्त्र

(१) “मन्त्रा-तन्त्रा की ऐसी – तैसी, पारबती के मन्त्रा वैसी । जिहाँ पठाऊँ, तिहाँ तैं जाय, फोर करेजा भीतर खाय । काली कमाख्या का नाम है, पार्वती का काम है । आ रे ! टोनही के टोना जादू पाँगन होखे तो फिर जाबे । मोर फूकें, मोर गुरू के फूकें । मोर गुरू कौन ? महा-देव पारबती के फूकें । जा माढ़ जा ।”

विधि – नीम की टहनी या मोर-पङ्ख से सात बार उक्त मन्त्र पढ़कर झारने से नजर, टोना, डीठ आदि दूर हो जाते हैं ।


(२) “कट-कट-कट-कट काली करे । काट करेजा भीतर खाय, जिहाँ मैं भेजों, तिहाँ तैं जाय । काली दुर्गा का नाम है, पार्वती का काम हैं । टोनही के टोना-विद्या पाँगन होबे, तो माढ़ जाबे । मोर फूकें । मोर गुरू के फूँकें । गौरा महा- देव के फूँके । जा, फिर जा ।”

विधि – उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित सरसों को पीड़ित व्यक्ति के ऊपर फेंकने से नजर, टोना आदि से मुक्ति मिल जाती है ।

(३) “ॐ नमो आदेश गुरू का । काया कलप कपाट, बज्र लङ्का उलट पलङ्का । पलट, दूर – दूर हट, टोना नजर । शब्द सांचा, फुरो मन्त्र – ईश्वरो वाचा । दुहाई गुरू गोरख- नाथ की ॐ ।”

विधि – एक कपड़े का पलीता बनाकर अलसी के तेल में भिगोकर काँसे की थाली में पानी भरकर उसके ऊपर पलीते को जलाए । तेल थाली में टपकेगा । १२ बार मन्त्र पढ़कर फूंक मारे और थाली की थोड़ी-सी राख माथे पर लगा दे । टोने का प्रभाव दूर होगा ।

 

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