भगवान् शंकर का पूर्णावतार – कालभैरव भगवान् शंकर का पूर्णावतार – कालभैरव देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दूशेखरं कृपाकरम् । नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगम्बरं काशिकापुराधिनाथ-काल-भैरवं भजे ।। भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् । कालकालमम्बुजाक्षशूलमक्षरं काशिकापुराधिनाथ-काल-भैरवं भजे ।। देवराज इन्द्र जिनके पावन चरण-कमलों की भक्ति-पूर्वक निरन्तर सेवा करते हैं, जिनके व्याल-रुपी विकराल यज्ञ-सूत्र धारण करने वाले हैं, जिनके ललाट पर चन्द्रमा शोभायमान है, जो दिगम्बर-स्वरुप-धारी हैं, कृपा की… Read More
सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रद शाबर भैरव मन्त्र सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रद शाबर भैरव मन्त्र श्री काल-भैरव बटुक प्रयोग ॐ अस्य श्री वटुक-भैरव-स्तोत्रस्य सप्त-ऋषिः ऋषयः, मातृका छन्दः, श्रीवटुक-भैरो देवता, ममेप्सित-सिद्धयर्थ जपे विनियोगः । “ॐ काल-भैरौ, वटुक भैरौ, भूत-भैरौ ! महा-भैरव महा-भय-विनाशनं देवता-सर्व-सिद्धिर्भवेत् । शोक-दुःख-क्षय-करं निरञ्जनं, निराकारं नारायणं, भक्ति-पूर्ण त्वं महेशं । सर्व-काम-सिद्धिर्भवेत् । काल-भैरव, भूषण-वाहनं काल-हन्ता रुपं च, भैरव गुनी । महात्मनः योगिनां महा-देव-स्वरुपं । सर्व… Read More