शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 33 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तैंतीसवाँ अध्याय गणोंसहित वीरभद्र और महाकाली का दक्षयज्ञ-विध्वंस के लिये प्रस्थान ब्रह्माजी बोले — [हे नारद!] महेश्वर के कहे गये इस वचन को आदरपूर्वक सुनकर वीरभद्र बहुत सन्तुष्ट हुए । उन्होंने महेश्वर को प्रणाम किया ॥ १ ॥ तत्पश्चात् त्रिशूलधारी उन… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 32 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः बत्तीसवाँ अध्याय सती के दग्ध होने का समाचार सुनकर कुपित हुए शिव का अपनी जटा से वीरभद्र और महाकाली को प्रकट करके उन्हें यज्ञ-विध्वंस करने की आज्ञा देना नारदजी बोले — [हे ब्रह्मन् !] आकाशवाणी को सुनकर अज्ञानी दक्ष ने क्या… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 31 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः इकतीसवाँ अध्याय यज्ञमण्डप में आकाशवाणी द्वारा दक्ष को फटकारना तथा देवताओं को सावधान करना ब्रह्माजी बोले — हे मुनीश्वर ! इसी बीच वहाँ दक्ष तथा देवता आदिको सुनाते हुए आकाशवाणी ने यथार्थ बात कही ॥ १ ॥ आकाशवाणी बोली — हे… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 30 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः तीसवाँ अध्याय दक्षयज्ञ में सती का योगाग्नि से अपने शरीर को भस्म कर देना, भृगु द्वारा यज्ञकुण्ड से ऋभुओं को प्रकट करना, ऋभुओं और शंकर के गणों का युद्ध, भयभीत गणों का पलायित होना नारदजी बोले — हे विधे ! जब… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 29 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः उनतीसवाँ अध्याय यज्ञशाला में शिव का भाग न देखकर तथा दक्ष द्वारा शिव-निन्दा सुनकर क्रुद्ध हो सती का दक्ष तथा देवताओं को फटकारना और प्राणत्याग का निश्चय ब्रह्माजी बोले — [हे नारद!] दक्षकन्या सती उस स्थान पर गयीं, जहाँ देवता, असुर… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 28 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः अट्ठाईसवाँ अध्याय दक्षयज्ञ का समाचार पाकर एवं शिव की आज्ञा प्राप्तकर देवी सती का शिवगणों के साथ पिता के यज्ञमण्डप के लिये प्रस्थान ब्रह्माजी बोले — हे नारद ! जब देवता तथा ऋषिगण बड़े उत्साह के साथ दक्ष के यज्ञ में… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 27 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः सत्ताईसवाँ अध्याय दक्षप्रजापति द्वारा महान् यज्ञ का प्रारम्भ, यज्ञ में दक्ष द्वारा शिव के न बुलाये जाने पर दधीचि द्वारा दक्ष की भर्त्सना करना, दक्ष के द्वारा शिव-निन्दा करने पर दधीचि का वहाँ से प्रस्थान ब्रह्माजी बोले — हे मुने !… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 26 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः छब्बीसवाँ अध्याय सती के उपाख्यान में शिव के साथ दक्ष का विरोध वर्णन ब्रह्माजी बोले — हे नारद ! पूर्वकाल में प्रयाग में एकत्रित हुए समस्त मुनियों तथा महात्माओं का विधि-विधान से एक बहुत बड़ा यज्ञ हुआ ॥ १ ॥ उस… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 25 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः पच्चीसवाँ अध्याय श्रीशिव के द्वारा गोलोकधाम में श्रीविष्णु का गोपेश के पद पर अभिषेक, श्रीराम द्वारा सती के मन का सन्देह दूर करना, शिव द्वारा सती का मानसिक रूप से परित्याग राम बोले — देवि ! प्राचीन काल में एक समय… Read More


शिवमहापुराण – द्वितीय रुद्रसंहिता [द्वितीय-सतीखण्ड] – अध्याय 24 श्री गणेशाय नमः श्री साम्बसदाशिवाय नमः चौबीसवाँ अध्याय दण्डकारण्य में शिव को राम के प्रति मस्तक झुकाते देख सती का मोह तथा शिव की आज्ञा से उनके द्वारा राम की परीक्षा नारदजी बोले — हे ब्रह्मन् ! हे विधे ! हे प्रजानाथ ! हे महाप्राज्ञ ! हे… Read More