September 29, 2015 | aspundir | Leave a comment रक्षा-कारी मन्त्र सर्प से रक्षा हेतु मन्त्रः कहीं भी अचानक सर्प देखने पर निम्न-लिखित मन्त्र का उच्चारण करने से सर्प से रक्षा होती है। यदि पूरा श्लोक याद न हो, तो केवल “आस्तिक”- नाम उच्चारण करे। यदि घर में अचानक साँप निकलते हों, तो घर की दीवाल पर भी घी और सिन्दूर से यह श्लोक लिख दे- “ॐ सर्पापसर्प भद्रं ते, दूरं गच्छ महा-विष ! जन्मेजयस्य यज्ञान्ते, आस्तिक-वचनं स्मर।।” चोरों से रक्षा हेतु मन्त्रः घर से बाहर जाते समय ताला बन्द करते समय यदि निम्न श्लोक का एक बार उच्चारण किया जाए, तो चोरों से रक्षा होती है- “ॐ तिस्त्रो भार्या कफल्लस्य, दाहिनी मोहनी सती। तासां स्मरण-मात्रेण, चौरो विशाति नो गृहम्।।” स्वास्थ्य की रक्षा हेतु मन्त्रः निम्न मन्त्र का उच्चारण कर यदि औषधि खाई जाए, तो भगवत्-कृपा से स्वास्थ्य की रक्षा में विशेष सफलता प्राप्त होती है- “ॐ अच्युतानन्द गोविन्द ! नामोच्चारण-भेषजात्। नशऽयन्ति सकला रोगाः, सत्यं सत्यं वदाम्यहम्।।” यात्रा में रक्षा हेतु मन्त्रः कहीं भी यात्रा करते समय निम्न श्लोक का स्मरण करने से यात्रा कल्याण-कारी होती है- “ॐ यः स्मरेत् तुलसीं सदा, रामं सौमित्रिणा सह। कार्यं कृत्वा रिपून् जित्वा, क्षेमेणायति वै नरः।।” Please follow and like us: Related Discover more from Vadicjagat Subscribe to get the latest posts sent to your email. Type your email… Subscribe