विविध कार्य-साधक अम्बिका मन्त्र मन्त्रः- “ॐ आठ-भुजी अम्बिका, एक नाम ओङ्कार । खट्-दर्शन त्रिभुवन में, पाँच पण्डवा सात दीप । चार खूँट नौ खण्ड में, चन्दा-सूरज दो प्रमाण । हाथ जोड़ बिनती करूँ, मम करो कल्याण ।।”… Read More


देवी कृपा-प्राप्ति के लिए पहले कोई भी एक पुराना मन्दिर भग्न मन्दिर ढूंढ़े, जहाँ कोई न जाता हो । फिर किसी भी दिन वहाँ जाकर देवता को अक्षत आदि देकर निमन्त्रण दे दें कि आपकी कृपा के लिए मैं यहाँ ४० दिन नित्य आऊँगा । दूसरे दिन से रात को १२ बजे वहाँ जाकर यथा-शक्ति… Read More


भगवती ( शताक्षी) शाकम्भरी प्राचीन समय की बात है । दुर्गम नाम का एक महान् दैत्य था । उसका जन्म हिरण्याक्ष के कुलमें हुआ था तथा उसके पिताका नाम रुरु था । ‘देवताओं का बल वेद है । वेदके लुप्त हो जाने पर देवता भी नहीं रहेंगे’ – ऐसा सोचकर दुर्गम ने ब्रह्माजी से वर… Read More


श्रीदुर्गा आसुरी-कल्प विनियोगः- ॐ आसुरी-मन्त्रस्य, अंगिरा ऋषिः, विराट् छन्दः, श्रीदुर्गा आसुरी देवता, ॐ वीजं, स्वाहा शक्तिः, वशीकरणे जपे विनियोगः । ऋष्यादि-न्यासः- अंगिरा ऋषये नमः शिरसि, विराट् छन्दसे नमः मुखे, श्रीदुर्गा आसुरी देवतायै नमः हृदि, ॐ वीजाय नमः गुह्ये, स्वाहा शक्तये नमः पादयो, वशीकरणे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे ।… Read More


अत्यधिक कष्ट-शान्ति के लिए श्रीवन-दुर्गा मन्त्र-विधान सङ्कल्पः- देश-कालौ स्मृत्वा अमुक-गोत्रोऽमुक-शर्माहं अमुक-कार्य-सिद्धयर्थे (मनोऽभिलषित-कार्य-सिद्धयर्थे वा) श्रीवन-दुर्गा-मन्त्रस्य एकादश-शत-संख्यक-जपं करिष्ये । विनियोगः- ॐ अस्य श्रीवन-दुर्गा-देवता-मन्त्रस्य श्रीआरण्यक ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीवन-दुर्गा देवता, ॐ वीजं, स्वाहा शक्तिः, सङ्कल्पोद्दिष्ट-कार्य-सिद्धयर्थे जपे विनियोगः ।… Read More


विशेष कड़ाही पूजा ( ‘नवरात्र-च्रत’ के पारण के दिन ‘अष्टमी’ या ‘नवमी’ को भगवती की विशेष पूजा करनी चाहिए। यहाँ ‘कड़ाही-पूजा’ की एक सरल विधि दी जा रही है। आशा है, पाठक-बन्धु इससे लाभ उठाएँगे -) ‘नवरात्र’ में व्रत के पारण के दिन ‘अष्टमी’ या ‘नवमी’ को एक कड़ाही हलुवा बनाए। फिर हलुए सहित कड़ाही… Read More


वैष्णवी अपराजिता मन्त्रः- श्रीः ह्रीं ॐ नमः कृष्ण-वाससे, सहस्र-हिंसिनि, सहस्र-वदने, महा-बले, अपराजिते, प्रत्यंगिरे, पर-सैन्य-पर-कर्म-विध्वंसिनि, पर-मन्त्रोत्सादिनि, रावे, भूत-दमनि ! सर्बान् देवान् बन्ध, सर्व-विद्यां छिन्धि-छिन्धि, क्षोभय-क्षोभय, पर-यन्त्राणि स्फोटय-स्फोटय, सर्व-श्रृंखला त्रोटय-त्रोटय, ज्वल-ज्वल, जिह्वे, कराल-वदने, प्रत्यंगिरे ! क्रीं नमः ।… Read More


नव-पत्रिका-पूजन बिल्वनिमन्त्रण – आश्विन शुक्ल षष्ठी को प्रातः-कृत्यादि करके देवी का पूजन करे और यदि ज्येष्ठा हो तो उनकी पूजा के लिये बिल्व-वृक्ष को निमन्त्रित करें। बिल्व-सप्तमी –… Read More


शक्ति चालीसी श्रीदुर्गायै नमः नमस्कार उसको ही जिससे है पैदा खल्क़ 1 में हर शै 2 । पये 3  क़त्ले 4 सितमगारां जो पै दर 5 पै रहे दरपै 6 ।। मचा जब ग़ुल 7 कि अय दुर्गा ये हंगामेतरह् 8 हुम है । मदद की बरमेला 9 सब देवता कहने लगे जय जय ।।… Read More


नव-दुर्गा-स्तुति अमर-पति-मुकुट-चुम्बित-चरणाम्बुज-सकल-भुवन-सुख-जननी। जयति जगदीश-वन्दिता सकलामल-निष्कला दुर्गा।।१ विकृत-नख-दशन-भूषण-रुधिर-वसाच्क्षुरित-खड्ग-कृत-हस्ता। जयति नर-मुण्ड-मण्डित-पिशित-सुरासव-रता चण्डी।।२… Read More