श्री बगला प्रत्यंगिरा कवचम् ।। श्री शिव उवाच ।। अधुनाऽहं प्रवक्ष्यामि बगलायाः सुदुर्लभम् । यस्य पठन मात्रेण पवनोपि स्थिरायते ।। प्रत्यंगिरां तां देवेशि श्रृणुष्व कमलानने । यस्य स्मरण मात्रेण शत्रवो विलयं गताः ।।… Read More


श्रीबगला पञ्जर स्तोत्र (यह स्तोत्र शेवागम-सारोक्त है । इसी स्तोत्र के उपयोग से मथुरा (उ॰प्र॰) के प्रख्यात स्व॰ विष्णु भट्ट अथर्ववेदी ने विपुल यशार्जन किया था) इस स्तोत्र के सहस्र (एक हजार) पाठ सिद्धि-प्राप्ति के लिए पहले करने चाहिए । फिर सौ पाठ अनुष्ठान कार्य-सिद्धि के लिए करना चाहिए । नित्य कर्म करके स्व-शरीर-रक्षार्थ इस… Read More


श्रीबगलामुखी हृदय स्तोत्रम् विनियोगः- ॐ अस्य श्रीबगला-मुखी हृदयमालामन्त्रस्य श्रीनारद ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्री बगला-मुखी देवता, ‘ह्लीं’ बीजं, ‘क्लीं’ शक्तिः, ‘ऐं’ कीलकं, श्रीबगला-मुखी-वर-प्रसाद सिद्धयर्थे जपे विनियोगः । ऋष्यादि-न्यासः- श्रीनारद ऋषये नमः शिरसि, अनुष्टुप छन्दसे नमः मुखे, श्री बगला-मुखी देवतायै नमः हृदि, ‘ह्लीं’ बीजाय नमः गुह्ये, ‘क्लीं’ शक्त्यै नमः नाभौ, ‘ऐं’ कीलकाय नमः पादयोः, श्रीबगला-मुखी-वर-प्रसाद सिद्धयर्थे जपे… Read More


श्री बगला हृदय स्तोत्रम् ।। श्रीदेव्युवाच ।। इदानीं खलु मे देव ! बगला-हृदयं प्रभो ! कथयस्व महा-देव ! यद्यहं तव वल्लभा ।। १… Read More


श्रीबगला कीलक-स्तोत्रम् ह्लीं ह्लीं ह्लींकार-वाणे, रिपुदल-दलने, घोर-गम्भीर-नादे ! ज्रीं ह्रीं ह्रींकार-रुपे, मुनि-गण-नमिते, सिद्धिदे, शुभ्र-देहे ! भ्रों भ्रों भ्रोंकार-नादे, निखिल-रिपु-घटा-त्रोटने, लग्न-चित्ते ! मातर्मातर्नमस्ते सकल-भय-हरे ! नौमि पीताम्बरे ! त्वाम् ।। १… Read More


पीताम्बरा बगलामुखी खड्ग मालामन्त्र यह स्तोत्र शत्रुनाश एवं कृत्यानाश, परविद्या छेदन करने वाला एवं रक्षा कार्य हेतु प्रभावी है । साधारण साधकों को कुछ समय आवेश व आर्थिक दबाव रहता है, अतः पूजा उपरान्त नमस्तस्यादि शांति स्तोत्र पढ़ने चाहिये ।… Read More


ग्रह आदि बाधा, रोग-निवारक प्रयोग बगलामुखी मन्त्र प्रयोग संकल्पः- ॐ अद्यैतस्य…………………….अमुक-मासे अमुक-पक्षे अमुक वासरे अमुक-गोत्रोत्पन्नो अमुक-शर्माऽहं (वर्माऽहं, गुप्तोऽहं वा) मम स्व-शरीरस्य (मम अमुक-यजमानस्य शरीरस्य वा) सम्पूर्ण-रोग-समूह-वात्तिक-पैत्तिक-श्लैष्मिक-द्वन्द्वज-नाना-रोगा-दुष्ट-रोगा-जन्मज-पातकज-नाना-ग्रहोपग्रह-प्रयोग-ग्रह-प्रवेश-ग्रह-प्रयोग-ग्रहादि-शान्त्यर्थे सर्व-ग्रहोच्चाटनार्थे श्रीबगलामुखी-देवता-मन्त्रस्य अयुत-जप-तद्-दशांश-होम-तर्पण-मार्जनाय संकल्पमहं करिष्ये ।… Read More


श्रीबगला-प्रातः-स्मरण प्रातः स्मरामि मधु-पूर्ण-सुधा-समुद्रम्, तन्मध्य-दिव्य-मणिद्वीप-मनोहरं च । कल्पाटवीममित-रत्न-विभूष-कोटम्, श्रीमण्डपं विशद-शोभि हृदि स्फुरन्तम् ।। १… Read More


श्रीबगला-प्रातः-स्मरण प्रातः स्मरामि बगलां कमलायताक्षी- मिन्दु-प्रसन्न-वदनां परि-पीत-वर्णाम् । पाणि-द्वयेन दधतीं च शिलां गिरीन्द्रे, द्वेष्याञ्छवासन-गतां मद-मत्त-चित्ताम् ।। १… Read More


सिद्धि-चण्डी महा-विद्या सहस्राक्षर मन्त्र वन्दे परागम-विद्यां, सिद्धि-चण्डीं सङ्गिताम् । महा-सप्तशती-मन्त्र-स्वरुपां सर्व-सिद्धिदाम् ।। विनियोगः- ॐ अस्य सर्व-विज्ञान-महा-राज्ञी-सप्तशती रहस्याति-रहस्य-मयी-परा-शक्ति श्रीमदाद्या-भगवती-सिद्धि-चण्डिका-सहस्राक्षरी-महा-विद्या-मन्त्रस्य श्रीमार्कण्डेय-सुमेधा ऋषि, गायत्र्यादि नाना-विधानि छन्दांसि, नव-कोटि-शक्ति-युक्ता-श्रीमदाद्या-भगवती-सिद्धि-चण्डी देवता, श्रीमदाद्या-भगवती-सिद्धि-चण्डी-प्रसादादखिलेष्टार्थे जपे विनियोगः ।… Read More