December 16, 2018 | aspundir | Leave a comment भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२९ ॐ श्रीपरमात्मने नमः श्रीगणेशाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय भविष्यपुराण (ब्राह्मपर्व) अध्याय – १२९ साम्बको सूर्य-प्रतिमाकी प्राप्ति सुमन्तु मुनि बोले — राजन् ! इस प्रकार साम्ब सूर्यनारायण से वर प्राप्त कर अतिशय प्रसन्न हुए और वरप्राप्ति को आश्चर्य मानते हुए अन्य तपस्वियों के साथ समीप में स्थित चन्द्रभागा नदी में स्नान करने के लिये गये । वहाँ वे स्नानकर श्रद्धा के साथ अपने हृदय में मण्डलाकार भगवान् सूर्य की भावना कर मन में यह सोचने लगे कि ‘सूर्यनारायण की कैसी प्रतिमा हो और उसे किस प्रकार कहाँ स्थापित करूँ ।’ इस प्रकार विचार कर ही रहे थे कि उन्होंने देखा— चन्द्रभागा नदी के ऊपर से एक अत्यन्त देदीप्यमान प्रतिमा बहती हुई चली आ रही है । प्रतिमा देखकर साम्ब को यह निश्चय हो गया कि यह भगवान् सूर्य की ही मूर्ति हैं । जैसी उन्होंने आज्ञा दी थी, वही यह सूर्य प्रतिमा है, इसमें किसी प्रकार का संदेह नहीं । यह सोचकर नदी से उस तेज से चमकती हुई मूर्ति को निकालकर उन्होंने मित्रवन् (मुल्तान)— में एक स्थान पर तपस्वियों के साथ विधिपूर्वक उसकी स्थापना की। एक दिन साम्ब ने सूर्य प्रतिमा को प्रणामकर पूछा— ‘नाथ ! आपकी ग्रह प्रतिमा किसने बनायी ? इसकी आकृति बड़ी सुन्दर है । आप कृपाकर बतायें । प्रतिमा बोली — साम्ब ! पूर्वकाल में मेरा रूप प्रचण्ड तेजोमय था । उससे व्याकुल होकर सभी देवताओं ने प्रार्थना की कि ‘आप अपना रूप सभी प्राणियों के सहन करने के योग्य बनायें, नहीं तो सभी लोग जल जायेंगे।’ मैंने महातपस्वी विश्वकर्मा को आदेश दिया कि मेरे तेज को कम कर मेरा निर्माण करो । मेरा आदेश प्राप्त कर उन्होंने शाकद्वीप में चक्र को घुमाकर मेरे तेज को खराद दिया । उसी विश्वकर्मा ने कल्पवृक्ष के काष्ठ से यह मेरी सुलक्षणा प्रतिमा बनायी है । तुम्हारा उद्धार करने लिये मेरी आज्ञा के अनुसार विश्वकर्मा ने ही सिद्धसेवित हिमालय पर इसे निर्मित कर चन्द्रभागा नदी में प्रवाहित कर दिया है । साम्ब ! यह स्थान बड़ा शुभ है, सुन्दर है । यहाँ सदा मेरा सांनिध्य रहेगा । प्रातः मनुष्यगण इस चन्द्रभागा के तट पर मेरा सांनिध्य प्राप्त करेंगे । मध्याह्न में कालप्रिय में (कालपी) और अनन्तर यहाँ प्रतिदिन मेरा दर्शन प्राप्त करेंगे । पूर्वाह्ण में ब्रह्मा, मध्याह्न में विष्णु और अपराह्ण में शंकर सदा पूजा करेंगे । महाबाहो ! इस प्रकार भगवान् सूर्य के ऐसा कहने पर साम्ब अत्यन्त प्रसन्न हुए और भगवान् सूर्य भी अन्तर्धान हो गये । (अध्याय १२९) See Also :- 1. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १-२ 2. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय 3 3. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४ 4. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५ 5. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६ 6. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७ 7. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८-९ 8. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०-१५ 9. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १६ 10. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १७ 11. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १८ 12. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १९ 13. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २० 14. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २१ 15. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २२ 16. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २३ 17. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २४ से २६ 18. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २७ 19. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २८ 20. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय २९ से ३० 21. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३१ 22. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३२ 23. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३३ 24. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३४ 25. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३५ 26. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३६ से ३८ 27. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ३९ 28. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४० से ४५ 29. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४६ 30. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४७ 31. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४८ 32. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ४९ 33. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५० से ५१ 34. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५२ से ५३ 35. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५४ 36. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५५ 37. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५६-५७ 38. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५८ 39. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ५९ से ६० 40. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६१ से ६३ 41. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६४ 42. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६५ 43. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६६ से ६७ 44. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६८ 45. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ६९ 46. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७० 47. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७१ 48. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७२ से ७३ 49. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७४ 50. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७५ से ७८ 51. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ७९ 52. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८० से ८१ 53. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८२ 54. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८३ से ८५ 55. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८६ से ८७ 56. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ८८ से ९० 57. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९१ से ९२ 58. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९३ 59. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९४ से ९५ 60. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९६ 61. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९७ 62. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ९८ से ९९ 63. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०० से १०१ 64. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०२ 65. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०३ 66. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०४ 67. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०५ से १०६ 68. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १०७ से १०९ 69. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११० से १११ 70. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११२ 71. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४ 72. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११३ से ११४ 73. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११६ 74. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११७ 75. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११८ 76. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय ११९ 77. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२० 78. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२१ से १२४ 79. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२५ से १२६ 80. भविष्यपुराण – ब्राह्म पर्व – अध्याय १२७ से १२८ Related